नन्हे ,रफीक, मुन्नी आज सुबह जल्दी ही कचरा बीनने घर से निकल गए. आज उनमे रोज़ जैसी मस्ती नहीं थी.उनकी निगाहें जल्दी जल्दी यहाँ वहां अपने काम की चीज़ें ढूंढ रही थीं.
रफीक आज नाले तरफ नहीं चलेंगे रे.दुपहर तक घर चले चलेंगे.
क्यों आज क्या है?
नन्हे ने कुछ सूखी लकड़ियाँ भी अपने बोरे में रख लीं तो रफीक को बड़ा अचम्भा हुआ. अरे तू ये लकड़ियाँ भी कबाड़ी को देगा क्या???ओर वह हो हो करके हंसने लगा. मुन्नी भी हंस दी.लगता है आज इसका दिमाग फिर गया है.
अरे दिमाग तो तुम दोनों का फिर गया है.तुम्हे पता नहीं आज नया साल है.आज जल्दी घर जा कर सो जायेंगे रात में सब जगह लोग नया साल मनाएंगे खायेंगे पियेंगे तब हम चोराहे पर जायेंगे रात के १२ बजे .वहां ढेर सारा कबाड़ा भी मिलेगा ओर खाने पीने की बची हुई चीज़ें भी. फिर लकड़ियाँ से आग तापेंगे ओर सो जायेंगे .
नन्हे की आँखें नए साल के जश्न की ख़ुशी में चमक उठीं.
कई दिनों से नए साल की पार्टी की तय्यारी चल रही थी .नयी ड्रेस खरीदी गए होटल में बुकिंग दोस्तों की फेहरिस्त उनको निमत्रण दे दिया गया. कौन किस के साथ आएगा ये भी तय था. पापा को बिजनेस में फायदा पहुँचाने वाले लोगो के साथ पार्टी करना था तो मम्मी को अपनी किटी की सहेलियों के साथ. बेटी अपने दोस्तों के साथ थी तो बेटा अपने दोस्तों के साथ. सारा दिन सब अपने अपने कमरों में दुबके रहे आराम करने.
रात में पार्टी में जाते हुए अचानक मम्मी का ध्यान कोने के कमरे की ओर गया. ओह्ह ये बूढ़े बुढ़िया भी न...राधा मम्मी पापा के लिए खिचड़ी बना देना.कहते हुए बाहर निकल गयी.
अब इन बूढ़े लोगो के लिए क्या नया साल. ???
बहु नए साल की पार्टी के लिए क्या करना है?? मांजी ने पूछा.
मम्मी घर में ही कुछ अच्छा सा बना लेंगे .
ऐसा करो मीना को भी बुला लो सबके साथ पार्टी का सा माहौल लगेगा. मांजी ने अपनी बेटी को बुलाने की इच्छा व्यक्त की .वैसे भी वहां उसकी सास ननद की सेवा करते उसका काहे का नया साल? कहते हुए उन्होंने बेटे से बहन को फ़ोन करने का कह दिया.
नए साल की पार्टी म्यूजिक बज रहा बच्चे डांस कर रहे है ,मम्मी पापा टीवी देखते बेटी से बतिया रहे है .पति देव नंदोई के साथ अलग कमरे में अपनी पार्टी कर रहे है. ओर किचेन में पूरियां तलते नया साल मनाया जा रहा है.